योगी सरकार का बड़ा कदम: उत्तर प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नई योजनाओं की समीक्षा

वरिष्ठ संवाददाता: राजीव आनन्द
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का खजाना जनता का पैसा है और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।
शिक्षक-विहीन नहीं रहेगा कोई विद्यालय
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरा फोकस क्वालिटी एजुकेशन पर होना चाहिए।
मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण
योगी सरकार कक्षा 1 से 12 तक के लिए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण करा रही है। इसके लिए 26 जनपदों में धनराशि जारी की जा चुकी है। वहीं, प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय बनाए जा रहे हैं, जिनके लिए 58 जनपदों में फंड जारी किया गया है।
इन विद्यालयों में प्लेग्राउंड, ट्रेनिंग सेंटर, क्राफ्ट, माटी कला और न्यू-एज कोर्सेज की विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
डायट संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से 13 डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आईआईएम लखनऊ और बेंगलुरु जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को ट्रेनिंग मॉड्यूल से जोड़ा जाए।
1-15 अप्रैल और जुलाई में चलेगा “स्कूल चलो अभियान”
मुख्यमंत्री ने स्कूल चलो अभियान को एक उत्सव की तरह संचालित करने के निर्देश दिए हैं। 1 से 15 अप्रैल और जुलाई माह में 15 दिन तक चलने वाले इस अभियान में ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य और शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नए खेलों को बढ़ावा
“एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय, एक खेल” की नीति के तहत बालिकाओं को खेलों में आगे बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों की छात्राओं ने अंडर-19 क्रिकेट और अन्य खेलों में प्रदेश का मान बढ़ाया है और कई छात्राएं प्रशासनिक सेवाओं में भी चयनित हुई हैं।
आरटीई और शारदा कार्यक्रम के तहत लाखों बच्चों को शिक्षा
आरटीई (निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार) के तहत 2016-17 में 10,784 बच्चे पढ़ रहे थे, जो 2024-25 में बढ़कर 4.58 लाख हो गए हैं।
गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों को ₹728 करोड़ फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत 2024-25 में 7.77 लाख बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में नामांकन हुआ।
वर्तमान में 1.93 करोड़ छात्र परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
₹85,726 करोड़ के बजट से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शिक्षा के क्षेत्र में ₹85,726 करोड़ का बजट रखा है।
परिषदीय विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है।
25,784 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस, 5,568 आईसीटी लैब्स और 2.61 लाख टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार कर रही है, जिससे प्रदेश के बच्चों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।