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मसाज की आड़ में मखमली खेल, या महज अफवाह पुलिस चौकी के सामने उड़ता कानून का मखौल 

स्पा सेंटर या रंगीन रातों की मंडी? कानून के रखवालों की चुप्पी में आखिर क्या राज़

  • रिपोर्ट:  चन्दन दुबे

मिर्जापुर के लक्की सरदार INA न्यूज़ ने गम्भीरता से उठाया मुद्दा

मिर्जापुर | मसाज के बहाने मदहोशी, और कानून के सामने बेहोशी!—कुछ ऐसा ही आरोप इन दिनों मिर्जापुर के कटरा थाना क्षेत्र के बरौधा कचार इलाके में खुले एक हाई-फाई स्पा सेंटर पर लगाया जा रहा है। लोकल न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह मुद्दा आग की तरह फैल रहा है। INA न्यूज़ मिर्जापुर समेत कुछ अन्य डिजिटल मीडिया चैनलों ने इस विषय को सोशल मीडिया पर प्रमुखता से उठाया है।

लोकल पत्रकारों का दावा है कि यह स्पा सेंटर मसाज से ज्यादा मिज़ाज बदलने का ठिकाना बन गया है। वहीं, पुलिस और प्रशासन अभी तक इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है। सवाल यह है कि क्या वाकई यहां कोई मखमली खेल चल रहा है, या फिर यह सब अफवाहों का मायाजाल है

पुलिस चौकी के सामने यह सब कैसे

जनता हैरान है कि अगर यह अवैध गतिविधि चल रही है तो पुलिस चौकी के सामने इसे बंद कराने के बजाय चुप्पी क्यों साधी गई है ,क्या पुलिस इसे देख नहीं पा रही, या देख कर भी अनदेखा कर रही है। क्या किसी रसूखदार की शह पर यह खेल चल रहा है या फिर यह मीडिया ट्रायल मात्र है।
कुछ न्यूज़ पोर्टलों का दावा है कि स्पा सेंटर में आने वाले ग्राहकों को स्पेशल पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं, जिनकी चर्चाएं अब सिर्फ गलियों तक नहीं, बल्कि सोशल मीडिया की सुर्खियों तक पहुंच गई हैं।

मसाज के बहाने अय्याशी या फिर दुक्की-दुहाई पर हाई-फाई खेल
लोकल न्यूज़ चैनलों की रिपोर्ट्स पर यकीन करें तो यह मामला सिर्फ एक साधारण मसाज पार्लर का नहीं बल्कि वीर वीर्य आस्खलन अखाड़ा बन चुका है। सूत्रों का कहना है कि यहां “नहले पर दहला, दहले पर इक्का” चलता है—यानी सामान्य मसाज से शुरुआत होती है, लेकिन “स्पेशल सर्विस” की मांग करने वालों के लिए कुछ और भी उपलब्ध कराया जाता है! चौकी के आगे चोरी, और दरोगा को खबर ही नहीं!”—यह कहावत मिर्जापुर के इस मामले पर पूरी तरह सटीक बैठती दिख रही है।

सवाल जो तीर की तरह चुभ रहे हैं
पहला1अगर यह खबर गलत है, तो प्रशासन को इसकी सच्चाई सामने लानी चाहिए।
दूसरा2.अगर यह खबर सही है, तो क्या वाकई पुलिस इसमें संलिप्त है।
तीसरा3.कानून का मखौल उड़ता देख प्रशासन चुप क्यों है।

ईमानदार प्रशासन, फिर भी यह खेल क्यों
मिर्जापुर के डीएम और एसपी की छवि ईमानदार अधिकारियों की रही है। मगर जब जिले में ऐसी खबरें गूंज रही हैं, तो सवाल उठता है कि अगर अफवाह है, तो इसे खारिज क्यों नहीं किया जा रहा और अगर सच्चाई है, तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।
अब जनता, मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स की निगाहें प्रशासन की ओर टिकी हैं। देखना यह है कि यह मामला सही मायनों में कितना “मालिश” से जुड़ा है और कितना मैनेजमेंट का खेल है।

अब सवाल वही है—
सच्चाई कब आएगी सामने /क्या कार्रवाई होगी या फिर ये मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा ।अगर यह खेल नहीं रुका, तो कानून सिर्फ किताबों में रह जाएगा और चौकी के आगे मसाज, पीछे मखौल उड़ता ही रहेगा!

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