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मिर्जापुर मंडलीय अस्पताल में बड़ी लापरवाही, गर्भवती को डॉक्टर न होने का बहाना बनाकर भगाया, परिजनों ने स्ट्रेचर पर लिटाकर निजी अस्पताल में कराया भर्ती!

  • रिपोर्ट- चंदन दुबे’

मिर्जापुर: मंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति एक बार फिर उजागर हुई है। सोमवार देर रात करीब 2:25 बजे एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन डॉक्टर न होने का हवाला देकर उसे वापस भेज दिया गया। महिला की हालत गंभीर थी, जिसके चलते परिजनों ने मजबूरी में उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर रामबाग स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

सरकार जहां प्रदेश में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं के दावे कर रही है, वहीं यह घटना उन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मंडलीय अस्पताल में डॉक्टर कमीशनखोरी में लिप्त हैं और मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर कर देते हैं।

मामले की शिकायत जब मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आने वाले एक जिम्मेदार डॉक्टर से की गई, तो उन्होंने रात में जांच करने से इनकार कर दिया और कहा कि “अगले दिन देखा जाएगा।” सवाल उठता है कि जब डॉक्टर खुद ही मरीजों की हालत देखने से बच रहे हैं, तो फिर आम जनता किससे उम्मीद करे?

क्या यही योगी सरकार का “रामराज्य” है, जहां मरीजों को इलाज के बजाय ठोकरें मिलती हैं? प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी कब तय होगी?

(इस मामले में रात में मिर्जापुर के एक जिम्मेदार अधिकारी से उनके फोन नंबर +919671740801 पर संपर्क की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्हों ने असमर्थता जताया)

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