चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर क्या बोले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी?

- रिपोर्ट- ज्ञानेश वर्मा
नई दिल्ली: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव आयुक्त का चयन करने के लिए समिति की बैठक के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक “असहमति नोट” प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र चुनाव आयोग के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया है, जो सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटा कर चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और अखंडता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “इस तरह के कदम करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा रहे हैं।”
“सरकार की मनमानी पर अंकुश लगाना मेरा कर्तव्य”
राहुल गांधी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनका यह कर्तव्य है कि वे बाबासाहेब अंबेडकर और देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखें और सरकार की मनमानी पर अंकुश लगाएं। उन्होंने यह भी कहा कि “नई सीईसी का चयन करने के लिए आधी रात को निर्णय लेना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए अपमानजनक और असभ्य दोनों है!”
“निर्णय अनैतिक और गलत”
राहुल गांधी ने जोर देते हुए कहा कि जब समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है और 48 घंटे के अंदर सुनवाई होनी है, तो इस तरह का निर्णय “सरासर गलत और अनैतिक” है।