तिरुपति लड्डू में कथित मिलावट: सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के तिरुपति लड्डू में कथित मिलावट के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मिलावट श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले तिरुपति लड्डू में घी में हुई गड़बड़ी से संबंधित है। अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशकों विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चावड़ा, और एआर डेयरी के राजू राजशेखरन के रूप में हुई है।
एसआईटी जांच के दौरान घी सप्लाई के हर चरण में गड़बड़ी का पता चला, जिसके कारण इन लोगों की गिरफ्तारी की गई। आरोप यह है कि वैष्णवी डेयरी के अधिकारियों ने मंदिर को घी की सप्लाई करने के लिए एआर डेयरी के नाम से निविदा हासिल की थी और निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी के लिए फर्जी रिकॉर्ड बनाए थे।
सूत्रों ने बताया कि वैष्णवी डेयरी ने झूठा दावा किया कि वह भोले बाबा डेयरी से घी प्राप्त करती थी, लेकिन जांच में यह पता चला कि भोले बाबा डेयरी के पास तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के घी की आपूर्ति करने की क्षमता नहीं थी।
पशु चर्बी के इस्तेमाल का आरोप
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नवंबर 2024 में तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल था।
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सदस्य वाई. वी. सुब्बा रेड्डी सहित अन्य नेताओं की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 4 अक्टूबर 2024 को अपने आदेश में कहा था कि एसआईटी इस मामले की जांच करेगी और सीबीआई निदेशक इसकी निगरानी करेंगे।
राजनीतिक विवाद
इस विवाद में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर 2024 में आरोप लगाया था कि राज्य में वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। उनके इस बयान ने राज्य में बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था।