केंद्रीय बजट 2025-26: राज्यों के बुनियादी ढांचे और परमाणु ऊर्जा के लिए अहम घोषणाएं

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में राज्यों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि राज्यों को 50 साल के ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। लोकसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए सीतारमण ने कहा कि 2021 में घोषित पहली परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना की सफलता के बाद, 2025-30 की अवधि के लिए दूसरी परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना शुरू की जाएगी। इस योजना में नई ढांचागत परियोजनाओं पर 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी लगाई जाएगी।
सीतारमण ने बताया कि परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना का समर्थन करने के लिए नियामकीय और राजकोषीय कदमों को दुरुस्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, “बुनियादी ढांचे से संबंधित हर मंत्रालय इन परियोजनाओं को तीन साल के भीतर लागू करने का प्रस्ताव तैयार करेगा। इन परियोजनाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से लागू किया जा सकता है।” इसके अलावा, राज्यों को भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए आईआईपीडीएफ (भारत अवसंरचना परियोजना विकास कोष) योजना से मदद ली जा सकती है।
20,000 करोड़ रुपये के परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा
वित्त मंत्री ने देश में परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन की घोषणा की। इसके तहत कानूनी ढांचे में संशोधन करके निजी कंपनियों को शामिल किया जाएगा और स्वदेशी तरीके से 5 छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों का विकास किया जाएगा।
साथ ही, सीतारमण ने बताया कि बिजली क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने वाले सभी राज्य अपने जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) के 0.5 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज लेने के पात्र होंगे। उन्होंने कहा, “बिजली वितरण सुधारों को प्रोत्साहित किया जाएगा और राज्यों द्वारा अंतर-राज्य पारेषण क्षमता बढ़ाई जाएगी, जिससे बिजली कंपनियों की वित्तीय सेहत और क्षमता में सुधार होगा।”
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट का विकास हमारे ऊर्जा परिवर्तन प्रयासों के लिए आवश्यक है।