अध्यात्मताज़ा खबरें

माघ मास की गुप्त नवरात्रि: 30 जनवरी से 7 फरवरी तक होगी पूजा

गुप्त नवरात्रि का महत्व और पूजा विधि

इस साल माघ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से शुरू होकर 7 फरवरी तक चलेगी। गुप्त नवरात्रि को गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें शक्ति प्राप्ति और बाधाओं के नाश के लिए वरदान मांगा जाता है। यह विशेष साधना करने का समय होता है, जिसमें व्यक्ति अपनी इच्छाओं को शांति से और गोपनीय रूप से मां से प्राप्त करने की कोशिश करता है।

नवरात्रि की तिथियां और खासियत
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी 2025 को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी, और इसका समापन 30 जनवरी 2025 को शाम 4 बजकर 10 मिनट पर होगा। इस प्रकार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार, 30 जनवरी को होगी, और यह शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को समाप्त होगी।

सामान्य और गुप्त नवरात्रि में अंतर
सामान्य नवरात्रि में आम तौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से तांत्रिक पूजा की जाती है। इस दौरान पूजा को गोपनीय रखा जाता है और ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता। गुप्त नवरात्रि में जितनी अधिक गोपनीयता होगी, उतना ही अधिक लाभ प्राप्त होगा।

गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती है। अगर कलश की स्थापना की है, तो दोनों समय मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए। साथ ही, दोनों समय आरती करना भी उत्तम रहेगा। मां को भोग में लौंग और बताशा लगाना सर्वोत्तम होता है, जबकि लाल फूल मां को अर्पित करना चाहिए। मां को आक, मदार, दूब और तुलसी न चढ़ाएं। पूरे नौ दिन खानपान और आहार सात्विक रखें।

Related Articles

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button